HP Parvat Dhara Yojana – धरती पर पानी का ठहराव रोकने एवं जल स्तर में वृद्धि करने हेतु वन विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से राज्य में जल स्रोतों के लिए प्रतिबद्ध किए जाएंगे जिससे भूजल में वृद्धि हो सके। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से Himachal Pradesh Parvat Dhara Yojana से जुड़ी पूर्ण जानकारी जैसे उद्देश्य, लाभ, विशेषताएं, पात्रता एवं आवेदन की प्रक्रिया स्पष्ट करने जा रहे हैं। HP Parvat Dhara Yojana से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने हेतु हमारे इस लेख को विस्तार पूर्वक पढ़ें।
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HP Parvat Dhara Yojana
हिमाचल प्रदेश वन विभाग द्वारा राज्य में जल स्रोतों का संवर्धन करने के लिए पर्वत धारा योजना को आरम्भ किया गया है। इस योजना के माध्यम से राज्य में भूजल स्तर में वृद्धि होगी एवं लोगों को सिंचाई करने में किसी प्रकार की कोई कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। HP Parvat Dhara Yojana के अंतर्गत जल स्रोतों के जीर्णोद्धार और ढलान दार खेतों में सिंचाई के लिए बड़े-बड़े जल संचयन ढांचों का निर्माण किया जाएगा जिससे वनों को पूर्ण रूप से जल की प्राप्ति हो सके। हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना को 10 मंडलों में पायलट आधार पर आरंभ किया गया है जिसके अंतर्गत लगभग 2.76 करोड़ रुपए का खर्च किया जाएगा।
- इस योजना के अंतर्गत 110 छोटे बड़े तालाब, 600 चेक डैम व चेक वॉल एवं 12000 कंटूर ट्रेन का निर्माण किया जाएगा।
- इसके साथ-साथ राज्य में पौधारोपण भी उपलब्ध कराया जाएगा।
- Himachal Pradesh Parvat Dhara Yojana को राज्य के लाहुल स्पीति किन्नौर को छोड़कर शेष जिलों में आरंभ किया गया है।
हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना के मुख्य तथ्य
इस योजना के तहत मुख्य तथ्य कुछ इस प्रकार हैं:-
योजना का नाम | हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना 2023 |
किसके द्वारा आरंभ की गई | हिमाचल प्रदेश वन विभाग द्वारा |
किसके द्वारा घोषणा की गई | मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी के द्वारा |
योजना के लाभार्थी | हिमाचल प्रदेश के वन क्षेत्र |
योजना का उद्देश्य | राज्य के वन क्षेत्र में जलस्तर वृद्धि करना |
योजना का लाभ | वन क्षेत्रों की सिंचाई में आसानी प्रदान करना |
योजना का बजट | 2.76 करोड़ रुपये |
कितने वन मंडल शामिल हैं | 10 वन मंडल |
शामिल वन मंडल के नाम | बिलासपुर हमीरपुर जोगिंद्रनगर नाचन पार्वती नूरपुर राजगढ़ नालागढ़ योग एवं इलहोजी |
जिले जो इस योजना में शामिल नहीं है | लाहुल स्पीति एवं किन्नौर |
योजना के अंतर्गत किस का निर्माण किया जाएगा | 110 छोटे बड़े तालाब, 600 चेक डैम व चैक वाल, 12000 कंटूर टैंक एवं पौधरोपण |
वित्तीय वर्ष | 2020-21 |
फॉरेस्ट कवरेज | 27% |
HP Parvat Dhara Yojana का उद्देश्य
जैसे कि हम सब जानते हैं हिमाचल प्रदेश का 27% भाग फॉरेस्ट कवरेज के अंतर्गत है और ऐसे में इन क्षेत्रों को सिंचाई के लिए अधिक जल स्तर की आवश्यकता पड़ती है। परंतु जलस्तर में कमी होने के कारण इन क्षेत्रों के वनों को काफी नुकसान पहुंचता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश के वन विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश के वन क्षेत्रों में जल सूत्रों का संवर्धन किया जाएगा जिससे इन क्षेत्रों में भूजल स्तर में वृद्धि आएगी। इस योजना के अंतर्गत ढलानदार क्षेत्रों में सिंचाई कराने के लिए तालाबों एवं जल संग्रहण का निर्माण किया जाएगा जिससे जल स्तर में किसी प्रकार की कमी ना आए।
- Himachal Pradesh Parvat Dhara Yojana को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य है कि वन क्षेत्रों में जल स्तर को बढ़ावा दिया जा सके।
- जिससे क्षेत्र में उपलब्ध वनों को जल प्राप्त हो सके और उनकी देखभाल आसानी से हो सके।
- इस योजना के अंतर्गत बड़े तालाब चेक डैम एवं कंट्रोल टैंक का निर्माण किया जाएगा जिससे जल स्तर में किसी भी प्रकार की कमी ना आए।
- HP Parvat Dhara Yojana को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य है कि विकास की महत्वपूर्ण भूमिका को हमेशा बढ़ावा दिया जा सके।
हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा वन क्षेत्रों में पानी के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए Himachal Pradesh Parvat Dhara Yojana का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से वन क्षेत्रों में पानी की उपलब्धियों के लिए विभिन्न जल स्रोतों जैसे तालाब चेक डैम कंटूर चेक पौधरोपण का निर्माण किया जाएगा। इन जल स्रोतों का निर्माण करने पर पर्वत की जलधारा बनी रहेगी जिससे प्रदेश के वनों को किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आएगी। हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना के अंतर्गत उपलब्ध जल स्रोतों के माध्यम से धरती पर जल को अधिक समय तक रोका जा सकेगा।
- यदि धरती पर जल अधिक समय तक रुक जाता है तो इससे जल स्तरों में बढ़ावा आएगा।
- जिससे प्रदेश के वनों को किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आएगी।
- HP Parvat Dhara Yojana के माध्यम से सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता एवं निरंतरता को बनाय रखा जा सकेगा।
Budget Of Himachal Pradesh Parvat Dhara Yojana
जैसे कि हम सब जानते हैं हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा वन क्षेत्रों में जल की उपलब्धता एवं निरंतर तथा को बरकरार रखने हेतु हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से राज्य के वन क्षेत्रों में जल स्रोतों का संवर्धन किया जाएगा जिससे भूजल स्तर में वृद्धि हो सके। एवं इसके सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए सरकार द्वारा 2.76 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित कर दिया गया है। Himachal Pradesh Parvat Dhara Yojana में बजट का उपयोग कर उपरोक्त वन मंडलों में 110 छोटे बड़े तालाब, 600 विभिन्न प्रकार के चेक डैम और चैक वाल 12000 कंटूर टैंक एवं पौधारोपण का निर्माण किया जाएगा।
- इस राशि का उपयोग कर 1 क्षेत्रों में सिंचाई उपलब्ध कराई जाएगी।
- जिससे स्थानीय क्षेत्र के लोगों को शिक्षा के लिए जल प्राप्त करने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना ना करना पड़े।
- हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना का मुख्य उद्देश्य है कि भूमि में जल को अधिक समय तक रोका जा सके जिससे जल स्तर में बढ़ावा है
- जल स्तर में बढ़ावा आने के बाद प्रदेश के वनों को किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं प्राप्त होगी।
हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना के अंतर्गत वन मंडल
वन विभाग द्वारा शुरू की गई Himachal Pradesh Parvat Dhara Yojana के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में 10 मंडलों को शामिल किया गया है जो कि कुछ इस प्रकार है
- बिलासपुर
- हमीरपुर
- जोगिंद्रनगर
- नाचन
- पार्वती
- नूरपुर
- राजगढ़
- नालागढ़
- ठियोग
- डलहौजी
HP Parvat Dhara Yojana Construction
हिमाचल प्रदेश से सरकार द्वारा पर्वत धारा योजना के अंतर्गत जल स्तर बढ़ाने हेतु कुछ चीजों का निर्माण किया गया है जो कि कुछ इस प्रकार है
- 110 बड़े छोटे तलाब
- 600 विभिन्न प्रकार के चेक डैम चेक वाल
- 12,000 कंटूर टैंक
- पौधरोपण
HP Parvat Dhara Yojana के अंतर्गत जल स्तर बढ़ाने की प्रक्रिया
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत जलस्तर बढ़ाने की पूरी प्रक्रिया वन विभागों को सौंपी गई है। HP Parvat Dhara Yojana के अंतर्गत 1 विभागों द्वारा विभिन्न छोटे व बड़े तालाबों का निर्माण किया जाएगा जिससे धरती पर जल को अधिक समय तक रोका जा सके। जल को रोकने के बाद मुद्रा एवं जल संसाधन कार्यों में काफी सुधार पैदा होगा जिससे जल स्तरों को बढ़ाया जा सकेगा। एवं इस जल का उपयोग करके स्थानीय लोगों को सिंचाई करने में किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं आएगी और जल की उपलब्धता एवं निरंतरता को भी बनाया जा सकेगा।